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फ़ीचर फ़िल्म
अशोक जी मानते हैं कि फिल्म ऐसा कला माध्यम है जिसमें सारी कलाओं का संगम हो जाता है। उनसे जब पूछा जाता है कि अगर आपको कोई एक काम करना हो तो आप क्या करना पसंद करेंगे तो वे जवाब देते हैं कि ‘फिल्म बनाना’ क्योंकि उसमें कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, संगीत, नृत्य, स्थापत्य आदि सब कुछ आ जाता है। ब्रज भाषा में उन्होंने एक फीचर फ़िल्म लिखी ‘जमुना किनारे’।
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