बिटिया की सिसकी कम उम्र में ही कन्या का विवाह कर देना, हमारे देश की एक बड़ी समस्या है। इसके बहुत सारे घातक परिणाम समाज में दिखाई पड़ते हैं। समय की मांग है कि सभी मिलकर इस कुरीति को दूर करने का संकल्प लें। एक छोटा-सा गांव था। उसमें रहती थी एक छोटी-सी … Continued
जब रहा न कोई चारा पुस्तक के बारे में कहा गया है कि यह मीडिया नाट्य संकलन है। ऐसा लगता है जैसे अशोक चक्रधर मीडिया नाटक जैसी किसी नई विधा से रूबरू कराने जा रहे हैं। वस्तुतः मीडिया नाटक के रूप में इस संकलन में जहां एक ओर ‘बात पते की’, ‘समझ गया सांवरिया’ और … Continued