तमाशा
‘तमाशा’ दस लंबी-लंबी कविताओं का संकलन है। कविताएं हास्य-व्यंग्य से भरपूर हैं। कविता-संकलन में ‘तमाशा’ शीर्षक से एक कविता भी है। अनुक्रम से पूर्व आमुख के स्थान पर इसी कविता की हृदयस्पर्शी पंक्तियां उद्घृत की गई हैं। संकलित कविताओं में हास्य-रेखाओं के सहारे आज के युग की विडंबनापूर्ण स्थिति को … Continued
सो तो है
संकलन की रचनाएं प्रायः कवितात्मक वृत्तचित्र हैं, इनमें ज़िंदगी के विविध प्रकार के घटित को समझ-सोच-महसूसकर संपादित किया गया है। व्यंग्य की पार्श्व-ध्वनि और सच्चाई के निर्देशन में यहां जीवन के विभिन्न पहचान-दृश्य हैं। टूटते हुए, जूझते हुए, जुड़ते हुए, जीते हुए आदमी के, उसकी शोषण स्थितियों के, उसके चढ़ते … Continued