समंदर, साथ और तुम : तीन रंग
(पहला रंग हौसला, दूसरा ढकोसला और तीसरा न सुनने का चौंचला)
एक
उड़ा कर
रंग सारे ले गया
मेरे ग़लीचे से,
वो खुश्बू भी
चुरा कर ले गया
मेरे बग़ीचे से,
खड़ा हूं
मैं किनारे पर,
निगाहें
दूर तक मेरी,
समंदर
रेत ही तो ले गया
पैरों के नीचे से।
दो
जब तलक
साथ मज़ा देता
ज़िन्दगानी में,
तब तलक
राहगीर
साथ चलते देखे हैं,
उम्रभर
साथ निभाने की
बात कौन करे,
लोग अर्थी में भी
कंधे बदलते देखे हैं।
तीन
अगर तुम्हारे पीछे
कोई कुत्ता भौंके,
तो क्या तुम
रह सकते हो
बिना चौंके?
अगर रह सकते हो तो
या तो तुम बहरे हो,
या फिर
बहुत ही गहरे हो।