प्याज़ एकम प्याज़, प्याज़ दूनी दिन दूनी
(प्याज का आयात हो या निर्यात हो, जनता के लिए एक सौगात हो)
प्याज़ एकम प्याज़।
प्याज़ दूनी दिन दूनी,
कीमत इसकी दिन दूनी।
प्याज़ तीया कुछ ना कीया,
रोई जनता कुछ ना कीया।
प्याज़ चौके खाली,
सबके चौके खाली।
प्याज़ पंजे गर्दन कस,
पंजे इसके गर्दन कस।
प्याज़ छक्के छूटे,
सबके छक्के छूटे।
प्याज़ सत्ते सत्ता कांपी,
इस मौके पर सत्ता कांपी।
प्याज़ अट्ठे कट्टम कट्टे,
खाली बोरे खाली कट्टे।
प्याज़ निम्मा किसका जिम्मा,
किसका जिम्मा, किसका जिम्मा?
प्याज़ धाम बढ़ गए दाम,
बढ़ गए दाम, बढ़ गए दाम।
जिस प्याज़ को
हम समझते थे मामूली,
उससे बहुत पीछे छूट गए
सेब, संतरा, बैंगन, मूली।
प्याज़ ने बता दिया कि
जनता नेता सब
उसके बस में हैं आज,
बहुत भाव खा रही है
इन दिनों प्याज़।