नारी के सवाल अनाड़ी के जवाब
प्रश्न 1. अनाड़ी जी, स्वतंत्र भारत की नारी परतंत्र क्यों है?
ज्योति सरावगी
200, शंकर नगर, गार्डन के पास
नागपुर
कई बार बता चुका हूं
यही एक मंत्र है—
जब तक नरतंत्र है,
नारी तब तक परतंत्र है।
प्रश्न 2. अनाड़ी जी, लड़कियां प्यार में डूबना ही क्यों पसन्द करती हैं, तैरना क्यों नहीं?
रिंकी रिबैरो
राजगीर रोड,
इसलामपुर, नालन्दा-801303 (बिहार)
ज़्यादा देर को डूबेंगी
तो मर जाएंगी,
तैरेंगी तो बेड़ा पार लगाएंगी।
इसलिए अधिक अच्छा नहीं है डूबना,
दूसरा साथ में न डूबे
तो शुरू हो जाता है
एक दूजे से ऊबना’
इसलिए रिक्की रिबैरो!
संग संग तैरो!!
प्रश्न 3. अनाड़ी जी, हमारे देश में कन्याओं के जन्म लेने पर लोग खुशियां नहीं मनाते। क्या यह सही कहा जा सकता है?
सरला सक्सेना
4 बी, बल्लभनगर कॉलोनी,
पीलीभीत (उ.प्र.)
तोड़ डालिए
इस पुरुषवादी समाज का दंभ,
आप करिए और करवाइए
जश्न प्रारंभ।
कन्या के जन्म पर ख़ुशियां मनाना,
आपके पीछे चलेगा ज़माना।
प्रश्न 4. अनाड़ी जी, आप भारत की गिरती अर्थव्यवस्था की साख के बारे में क्या कहते हैं?
रीनी सिन्हा
द्वारा-श्री ननी कुमार सिन्हा अधिवक्ता
रूईघासा, किशनगंज-855107 (बिहार)
जब बदलेगी
चारों ओर फैली हुई
अनर्थ व्यवस्था,
तभी सुधरेगी
हमारे देश की अर्थव्यवस्था।
प्रश्न 5. अनाड़ी जी, यदि आप एक साहित्यकार न होकर किसी मल्टीनेशनल कम्पनी में कर्मचारी होते तो हम स्त्रियों की सेवा आप किस प्रकार करते?
आरती प्रियदर्शिनी ’चंचल’
W/o श्री जे.पी.सिंह
63-ए, मंदिर, सेक्टर 3
जंगल सालिकग्राम, शिवपुर सहबाजगंज
गोरखपुर-273014
मोबाइल-09838517527
चपरासी होते तो पानी पिलाते,
बाबू होते तो चाय पिलाते,
अफ़सर होते तो कोक पिलाते,
बॉस होते तो डांट पिलाते,
कुछ भी पिलाते
पर चंचल जी
चित्त को चंचल नहीं बनाते।
प्रश्न 6. आप एक पुरुष होकर एक महिला पत्रिका से जुड़े हैं, इस बात को लेकर क्या आपके पुरुष सहकर्मी आपको ताना नहीं मारते हैं?
रूपा रानी
ए-52/1, जैतपुर एक्सटेंशन पार्ट 2, नई दिल्ली-110044
हम किसी के हत्थे चढ़ते ही नहीं हैं,
वैसे भी
पुरुष ये पत्रिका पढ़ते ही नहीं हैं।
जो पढ़ते है
उनके मन में
नारी के प्रति सम्मान होता है,
इसलिए न तो हमें
ताना मिलता है
न अपमान होता है।
प्रश्न 7. अनाड़ी जी, हम दूसरे इंसान से प्यार करते हैं, परंतु वे हमें धोखा देकर चले जाते हैं, हमें ये कैसे पता लगेगा कि यही है वो हमारा सच्चा प्यार, जिसके साथ हम पूरी ज़िन्दगी बिता सकते हैं?
सुगम सिंह
द्वारा-गौरव सिंह
30/51, स्ट्रीट नं. 8, विश्वास नगर
नई दिल्ली-110032
मोबाइल-9310803225
कोई पूरी तरह स्वार्थी नहीं होता,
कोई पूरी तरह निस्वार्थी नहीं होता।
ज़िन्दगी सबके लिए
मज़े का एक अर्क है,
सबके पास
स्वयं को सही सिद्ध करने का तर्क है।
किस बात का शिकवा
किस बात की गिला?
सुगम बहन, समय के साथ क़दम मिला!
ज़िन्दगी देती है आनंद चोखा,
कोई नहीं मानेगा कि
उसने दिया धोखा।
जो मानेगा वो मर जाएगा,
इस युग में
जो झूठ बोलेगा वो तर जाएगा।
प्रश्न 8. अनाड़ी जी, एक स्त्री पुरुष को सबसे अनमोल तोहफा क्या दे सकती है?
तनराज ठाकुर
द्वारा-श्री आर.के.ठाकुर
511/1बी12, गली नं. 1, पांडव रोड,
विश्वासनगर, नई दिल्ली-110032
मोबाइल-9311119091
स्त्री हो या पुरुष,
पुण्यात्मा हो या कलुष,
अनमोल तोहफ़ा है प्यार,
उसके आगे सब कुछ बेकार।
प्यार यानी सम्पूर्ण समर्पण,
चेतना ऐसी कि
तेरे लिए सब कुछ अर्पण।
प्रश्न 9. अनाड़ी जी, देवी मां, धरती मां और जननी मां में कृपया मूलभूत अंतर बताएं?
शशिप्रभा गुप्ता
द्वारा-रामस्वरूप गुप्ता
83/4, छोटा बघाड़ा, एनी बेसेंट स्कूल के पास, इलाहाबाद-211002
देवी मां न होती
तो धरती मां न होती,
धरती मां न होती
तो जननी मां न होती।
लेकिन करना इस बात पर मनन,
कि सबसे महत्वपूर्ण है जनन।
जनन न होता
तो देवी मां न होती,
जनन न होता
तो धरती मां न होती,
जनन न होता
तो जननी मां न होती।
प्रश्न 10. अनाड़ी जी, नारी के सवाल अनाड़ी के जवाब, क्या पुरुष को सवाल पूछने की आजादी नहीं है?
शालिनी बाजपेयी
151, सैक्टर-47-ए,
चण्डीगढ़-160047
मोबाइल-08054310895
सुन लो हमारी मुनादी,
पुरुषों को सवाल पूछने की
नहीं है आज़ादी।
नहीं है बिल्कुल नहीं है,
अनाड़ी इस मामले में
ढुलमुल नहीं है।
फिर से कहे देते हैं
कोई ग़लतफ़हमी रहे ना,
पुरुषों को हमसे क्या लेना-देना?
पुरुष सदा के जुगाड़ी हैं,
हम तो नारियों के बीच
सच्चे अनाड़ी हैं।