नारी के सवाल अनाड़ी के जवाब
प्रश्न 1. अनाड़ी जी, आजकल लोग पैसों के लालच में पड़कर आपसी प्यार और भरोसे को तोड़ देते हैं, आप क्या कहेंगे?
डॉ. शालिनी
511, टैगोर हॉस्टल, मिंटो रोड
नई दिल्ली
ये पैसा तत्व ऐसा है
जो लालच को जगाता है,
ये लालच तत्व ऐसा है
मुहब्बत को भगाता है।
मुहब्बत है अगर सच्ची
तो लालच भाग जाता है,
दिलों की साफ़गोई से
भरोसा जाग जाता है।
प्रश्न 2. अनाड़ी जी, नारी किसी लड़के के कामुक प्रेम और सच्चे प्रेम में कैसे भेद करेगी?
इन्दु बाला श्रीवास्तव
द्वारा-श्री शरद कुमार श्रीवास्तव (एडवोकेट हाईकोर्ट)
एम-54,, संजय गांधी पुरम, फैजाबाद रोड
लखनऊ-226016
बताना मुश्किल है
क्योंकि होता है
बड़ा ही नाज़ुक… प्रेम,
कभी पुष्पहार तो कभी
हो जाता है चाबुक…. प्रेम!
वैसे सच्चा प्रेम
वहां हो सकता है
जहां लड़का न करे
किसी और से
कामुक प्रेम!!
प्रश्न 3. अनाड़ी जी, क्या ग़ुस्सा आना हमेशा हैवानियत की निशानी है?
राखी राज
फ्लैट नं. एफ.-120
प्रगति विहार हॉस्टल
निकट सीजीओ कॉम्पलेक्स, लोधी रोड
नई दिल्ली-110003
मोबाइल-9910675234
वही भगवान कहलाए
जिसे ग़ुस्सा नहीं आता,
वही तो पीर बन पाए
जिसे ग़ुस्सा नहीं आता,
मगर वह शख़्स भी कुछ
कम नहीं होगा विधाता से,
अगर ग़ुस्सा उसे आए
जिसे ग़ुस्सा नहीं आता।
प्रश्न 4. अनाड़ी जी, बाबा और अन्ना, दोनों चाहते हैं कि भ्रष्टाचार हटे, अगर भ्रष्टाचार खत्म हो जाए तो क्या करेंगे, नेता बेचारे?
आशा भटनागर
29, अदनबाग
आगरा (उ.प्र.)
अकेले बाबा या अन्ना से
भ्रष्टाचार नहीं हटेगा,
वह तो हमारे तुम्हारे
सबके मिलकर चाहने से मिटेगा।
मेरे अंदर आशावाद सुपर हाई है,
नेताओं ने भी
सदा भ्रष्टाचारी रहने की
क़सम नहीं खाई है।
प्रश्न 5. आपकी बड़ी बहन जानना चाहती है कि भारतीय समाज में विशेषतया नव-विवाहित बहुएं, एकल परिवार व संयुक्त परिवार की अनुपयुक्तता औरउपयुक्तता को जानते हुए भी पृथक परिवार क्यों बसाना चाहती हैं?
निर्मल राय चंदेल
5811 ए,
38, वेस्ट चण्डीगढ़-160036
माफ़ करना बड़ी बहन,
अब तो पृथक परिवार को
करना होगा सहन!
मत करिए गिला,
आपकी पीढ़ी को मौक़ा नहीं मिला।
जब आप दोनों जवान थे,
समंदर की लहरों जैसे
मचलते अरमान थे।
तन में आल्हादक तरंग थी,
मन में कुछ कर दिखाने की उमंग थी।
लेकिन अधिकारों से ज़्यादा
ज़िम्मेदारियों का भार था,
फिर भी संयुक्त सोच में
सुखी घर-संसार था।
अब ज़माने के साथ रेस करिए,
फ़ेस पर चेंज मत लाइए
चेंज को फ़ेस करिए!
प्रश्न 6. अनाड़ी जी, एक नारी के जीवन में दो लोग हमेशा ही अनमोल होते हैं, एक वो जो उसे ज़िन्दगी देते हैं यानी उसका परिवार और एक वो जो उसकीज़िन्दगी होता है यानी उसका पति, यदि नारी को किसी एक को चुनना हो तो वो किसको चुने?
सुगम सिंह
द्वारा-गौरव सिंह,
30/51, गली नं. 8, आन्ध्रा बैंक के सामने
विश्वास नगर, नई दिल्ली-110032
मोबाइल-9310803225
अपने शरीर के दो हाथों
दो पैरों दो आंखों में से
एक-एक अंग चुनना हो
तो किस ओर के चुनोगी?
जानता हूं कि
पूछने वाले का सिर धुनोगी!
लेकिन अगर सुगम
कुछ ऐसा ताना-बाना बुने,
कि नाक का सवाल आने पर
इकलौती नाक को चुने,
तो अब अनाड़ी की भी सुने—
नाक में भी होते हैं
दो नथुने!!!!
आदरपूर्वक जीवित तो
विकलांग भी रहते हैं,
लेकिन कष्ट सहते हैं।
प्रश्न 7. अनाड़ी जी, आदमी तो भागते हैं औरतों के सवालों से और आपकी तो पहचान है इन्हीं सवालों से, ऐसा कैसे सम्भव हुआ?
रिशु जैन
3213 महावीर कॉलोनी, गली नं. 2, सुन्दर नगर
लुधियाना-141007 (पंजाब)
अनाड़ी गर्व के साथ मानता है,
कि नारी के हर जश्न और प्रश्न का
उत्तर वह जानता है।
जानता है
उत्तरों के पीछे छिपे हुए कारण,
लेकिन आपकी भाभी के सवालों पर
करता है मौन धारण।
घर पर खा जाता है गच्चा,
ये सुपर बच्चा!
प्रश्न 8. अनाड़ी जी, कहते हैं चेहरा व्यक्तित्व का आईना होता है, फिर भी क्यों इंसान अक्सर धोखा खा जाता है?
अंतरा खेर
द्वारा-श्रीमती अंजली खेर
भारतीय जीवन बीमा निगम, शाखा क्र. 2
प्रथम तल, जीटीबी कॉम्प्लैक्स,
पंजाब बूट हाउस के ऊपर
भोपाल
मोबाइल-09425810540
दिमागी कुटिलता से
या अभिनय की कुशलता से
अगर व्यक्तित्व की झलक
चेहरे पर आई ना,
तो चेहरा कभी नहीं बन सकता
आईना!!
लेकिन मनीषी कवि
और सर्वज्ञाता सशक्त अनुभवी
कुछ समय के संग-साथ के बाद,
या दो-दो हाथ के बाद,
लगभग हर चेहरे की
सचाई को भांप जाते हैं,
उनके सामने चेहरे की सलवटों में
छिपे झूठ कांप जाते हैं।
कुटिल अभिनेता देखता है मौका,
और भोला-भाला इंसान खाता है धोखा!