जंगल में बंगले
बंगले ही बंगले
नए नए बनते गए
बंगले ही बंगले।
बंगलों में चारों ओर
जंगले ही जंगले
छोटे-छोटे बड़े-बड़े
जंगले ही जंगले
जंगल से काटी गई
लकड़ी ही लकड़ी,
चीरी गई पाटी गई
लकड़ी ही लकड़ी।
चौखट में द्वारों में
लकड़ी ही लकड़ी
फ़र्शों दीवारों में
लकड़ी ही लकड़ी।
मानुस ने मार बड़ी
मारी जी मारी,
लकड़ी से तगड़ी थी
आरी जी आरी।
आरी के पास न थीं
आंखें जी आंखें,
कटती गईं कटती गईं
शाखें ही शाखें।
बढ़ते गए बढ़ते गए
बंगले ही बंगले,
जंगल जी होते गए
कंगले ही कंगले।
हरा रंग छोड़ छाड़
भूरा भूरा रंग ले,
जंगल जी कंगले
या बंगले जी कंगले?