क्या यहीं इस्तेमाल करेंगे
(कुछ लोगों का उपचार सिर्फ़ कुतर्क होता है)
तलब होती है बावली,
क्योंकि रहती है उतावली।
श्रीमानजी ने
सिगरेट ख़रीदी
एक जनरल स्टोर से,
और फ़ौरन लगा ली
मुंह के छोर से।
ख़ुशी में गुनगुनाने लगे,
और वहीं सुलगाने लगे।
दुकानदार ने टोका,
सिगरेट जलाने से रोका—
श्रीमानजी!
मेहरबानी कीजिए,
पीनी है तो बाहर पीजिए।
श्रीमानजी बोले—
कमाल है,
ये तो बड़ा ही
अजीब सा
गोलमाल है।
पीने नहीं देते
तो बेचते क्यों हैं?
दुकानदार बोला—
इसका जवाब यों है
कि बेचते तो हम
लोटा भी हैं,
और बेचते
जमालगोटा भी हैं,
अगर
इन्हें ख़रीदकर
आप हमें
निहाल करेंगे,
तो क्या यहीं
उनका इस्तेमाल करेंगे?