जीवन-साथी की तलाश का युगल-गीत
(किसके लिए… किसके लिए? मेरे लिए… मेरे लिए!)
मन ये करे, स्वैटर बुनूं,
साइज़ हो क्या… किसको चुनूं?
किसके लिए मैं स्वैटर बुनूं?
कोई ऐसा हो, मेरे जैसा हो,
शायद ऐसा हो, काश ऐसा हो!
किसके लिए… किसके लिए?
मेरे लिए… मेरे लिए!
हम दोनों हों और कैरम हो,
फिर चाहे कोई भी मौसम हो।
वो जब कहे संग मैं खेलूं
क्वीन वो ले कवर मैं लूं,
जीते वही, खुश मैं हो लूं।
किसके लिए… किसके लिए?
मेरे लिए… मेरे लिए!
उसकी बाहों में मेरी बाहें हों,
मेरी सांसों में उसकी सांसें हों।
कुछ वो कहे, कुछ मैं कहूं,
उसके लिए हर दुख सहूं,
फिर भी सदा हंसती रहूं।
किसके लिए… किसके लिए?
मैं भी तो हूं, मुझको चुनो,
सबसे मैं हूं, बैटर, यु नो!
मेरे लिए स्वैटर बुनो!
कैरम खेलो, सब सुख ले लो।
मैं आ गया, देखो ये लो!
हां मैं ऐसा हूं, तेरे जैसा हूं।
जैसा चाहे तू, बिल्कुल वैसा हूं।
क्या तू ऐसा, मेरे जैसा है?
हां तू ऐसा है, शायद ऐसा है!
चल तेरे लिए… तेरे लिए?
सच्ची, मेरे लिए… मेरे लिए!!