धोनी धड़कन धनधन धूमधमाल
(तीन कुंडलिया छन्द, यह छन्द जिस शब्द से प्रारम्भ होता है, उसी से समाप्त।)
धोनी धड़कन धुकधुकी
धन धन धूम धमाल,
फ़िफ़्टी-फ़िफ़्टी चांस थे
फिर भी किया कमाल।
फिर भी किया कमाल
टीम की स्प्रिट जीती,
मैच कर लिया कैच
हाय उन पर क्या बीती!
होनी थी ये जीत
न थी कोई अनहोनी,
अपनी सूरत सोणी
उनकी रोनी-धोनी।
बल्ले टप-टप गिर पड़ें
या पिच हो प्रतिकूल,
धोनी उन हालात में
रहते हर पल कूल।
रहते हर पल कूल
ग़ज़ब की प्रतिभा पाई,
समझ रहे थे
ख़तरनाक हैं श्रीलंकाई।
हार गए तो अब बैठें
कुछ वक़्त निठल्ले,
धोनी के धीरज ने
कर दी बल्ले-बल्ले।
गाड़े झंडे क्रिकेट में
गर्व सभी को आज,
गौतम, भज्जी, कोहली
श्रीशांत युवराज।
श्रीशांत युवराज,
अश्विनी, वीरू, नेहरा,
युसुफ और मुनाफ़
जीत का बांधें सेहरा।
स्वप्न सचिन का पूर्ण
हुनर ने बादल फाड़े,
ख़ूब मनाओ खुशी
बजाओ ढोल-नगाड़े।