शिमला की माल रोड
(इस गर्मी में अगर शिमला जाएं तो माल रोड आपको ज़रूर बुलाएगी)
दिल को बहुत लुभाती है
शिमला की माल रोड,
हर वक़्त मुस्कुराती है
शिमला की माल रोड।
ऊपर कभी ले जाती है
शिमला की माल रोड,
नीचे कभी ले आती है
शिमला की माल रोड।
इस छोर से उस छोर के
रस्ते के दरमियां,
ज़ालिम कई बल खाती है
शिमला की माल रोड।
सूरज का सफ़र देखती
पूरे सुकूं के साथ,
चांद आते ही इतराती है
शिमला की माल रोड।
तुम आओ और मिल न पाओ
रूठ जाएगी,
सचमुच बड़ी जज़्बाती है
शिमला की माल रोड।
ख़ुशबू पता चले न ही
रंगों का हो गुमां,
कुछ ऐसे गुल खिलाती है
शिमला की माल रोड।
रिमझिम ज़रा हुई कि
छतरियां खुलीं तमाम,
बुर्क़े में सिमट जाती है
शिमला की माल रोड।
वो चक्रधर खड़ा है
लो उसके भी ऑटोग्राफ़,
यूं दोस्ती कराती है
शिमला की माल रोड।