सन दो हज़ार बारह वादा कर!
(शुरुआत में ही वादा ले लो तो बात बन सकती है)
वादा कर!
सन दो हज़ार बारह वादा कर!!
वादा कर कि शानदार ग़ुज़रने का
इरादा करेगा,
हमारे पलों को, घंटों को,
दिनों को, महीनों को
विपदाओं से नहीं भरेगा।
देख, मध्यवर्ग के भरे पेट वालों की तो
कोई बात नहीं
पर देश के ग़रीब को
अभावों में अनशन नहीं करनी पड़े,
सरकार लड़े भूख से
भूख से भूखा नहीं लड़े।
जनतंत्र रहे मज़बूत और सांचा,
क्रोध की आंच से
और अवरोध के कांच से,
किरच-किरच न हो जाए
हमारा संघीय ढांचा।
अंतरात्मा की प्रयोगशाला में
तैयार हो भ्रष्टाचार की दीमक को
मारने वाली दवाई,
ऊपर से बिठाए गए किसी ठोकपाल से
मरेगी नहीं ये हरज़ाई।
दिल-दिमाग के काष्ठ हो चुके
प्रकोष्ठों के अंतर्गृहों तक
फैल चुका है भ्रष्टाचार का इंफैक्शन,
अंदर तक लगाया जाए अंतरात्मा की
नवनिर्मित दवाई का इंजैक्शन।
तू भ्रष्टाचार के समूल नाश के लिए
हर भारतवासी को
अंदर से आमादा करेगा,
सन दो हज़ार बारह वादा कर!!