दोस्तो, प्रणाम स्वीकार करो और एक बात की ओर ध्यान धरो! ग्रहण अच्छा भी होता है और ग्रहण बुरा भी हो सकता है। जो बुरा होता है उसके अन्दर अच्छाई हो सकती है, जो अच्छा लगता है उसके अन्दर बुराई हो सकती है, लेकिन मैं उलझाने वाली बात करने की बजाय सीधी-सरल बात रखना पसन्द करूंगा, सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण और पाणिग्रहण के ज़रिए।