निराशा छोड़ो यारो, ज़िन्दगी से मत हारो
(आज फिर तीन कुंडलिया छंद लाया हूं आपके लिए)
मर्डर है या सुसाइड,
पुलिस लगाती खोज,
ऊपर से भूपर गिरें,
कन्याएं हर रोज़।
कन्याएं हर रोज़,
चार दिन चले वितंडा,
चंद रोज़ के बाद,
मामला होता ठंडा।
श्रीमान जी कहो,
पुलिस को किसका डर है?
कहती है क्यों नहीं कि
ये निश्चित मर्डर है।
सबसे अधिक अमीर है,
अम्बानी परिवार
अखिल विश्व में अग्रणी
दौलत का अम्बार।
दौलत का अम्बार,
गर्व कर भारतवासी,
लेकिन अन्य आंकड़ा भी है
सत्यानासी।
श्रीमान जी घूमे,
देख रहे हैं कबसे
वो भी यहीं मिलेगा,
जो ग़रीब है सबसे।
हारो जीवन में भले,
हार-जीत है खेल,
चांस मिले तब जीतना,
कर मेहनत से मेल।
कर मेहनत से मेल,
किंतु हम क्या बतलाएं,
डरा रही हैं,
बढ़ती हुई आत्महत्याएं।
श्रीमान जी कहें,
निराशा छोड़ो यारो,
नहीं मिलेगा चांस,
ज़िन्दगी से मत हारो।