नारी के सवाल अनाड़ी के जवाब
प्रश्न 1. अनाड़ी जी, आजकल इंसान रिश्तों की अपेक्षा धन-दौलत को ज़्यादा अहमियत देने लगा है, क्या यह सही कहा जा सकता है?
सरला सक्सेना
4-बी, बल्लभनगर कॉलोनी
पीलीभीत (उ.प्र.)
रिश्ते तो बिना पैसों के
बस रिसते रहते हैं,
भावनाओं की शून्यता में
बस पिसते रहते हैं।
रिश्ता बनाए रखने के लिए
धन के साथ तन-मन भी चाहिए,
वरना मुफ़्त का चन्दन
बस घिसते रहते हैं।
प्रश्न 2. अनाड़ी जी, चैनल वालों ने बहुत डरा दिया है। भविष्यवेत्ताओं ने 2012 की दहशत को मन में बिठा दिया है। आप ही समस्या सुलझाइए और मेरा ग़म मिटाइए।
पूजा राघव
w/o राजकुमार राघव
X3700/2 गली नं. 6,
शांति मौहल्ला, गांधी नगर, दिल्ली-110031
मोबाइल-9899374271
सन दो हज़ार बारह में
कुछ भी बारहबाट नहीं होगा।
इंसानियत से सूना
कोई घाट नहीं होगा।
वैसे अनाड़ी नहीं है
कोई भविष्यवक्ता,
लेकिन उसकी भविष्यवाणी
कोई हिला नहीं सकता।
भवानी भाई कहते थे—
तुम डरो नहीं
वैसे डर कहां नहीं है
कुछ ख़ास बात पर
डर की यहां नहीं है।
भविष्यवाणियों से
मत ध्वस्त रहो,
स्वस्थ, व्यस्त और मस्त रहो।
प्रश्न 3. अनाड़ी जी, सरकार में बैठी पार्टी में और विपक्ष में बैठी पार्टी में क्या अंतर होता है?
रूपा सैनी
ए-52, जैतपुर एक्स. पार्ट-2
(निकट सोनी मॉडर्न पब्लिक स्कूल)
बदरपुर-110044
विपक्ष की पार्टी बोलती है
पक्ष की पार्टी सुनती है,
विपक्ष की पार्टी को
जब लगता है कि नहीं सुनती
तो अपना सिर धुनती है।
प्रश्न 4. अनाड़ी जी, दुनिया को तलवार से जीता जा सकता है या प्यार से?
अंजू
ग्राम-शकरपुर
जिला-सहारनपुर (उ.प्र.)
तलवार की धार से
बहुत तेज होती है
प्यार की धारा,
उसके आगे हर कोई हारा।
तलवार कर सकती है
जीवन का ख़ात्मा,
पर प्यार से
जीवित रहती है आत्मा।
प्रश्न 5. अनाड़ी जी, इंसान के लालच की क्या सीमा है?
बबीता नेगी
66/811, टाइप वन, मंदिर मार्ग
नई दिल्ली-110001
अगर हो सके
आपकी हर कामना का बीमा,
तो नहीं रहेगी
लालच की कोई सीमा।
प्रश्न 6. अनाड़ी जी, पाप और पुण्य में क्या अंतर है?
सारिका
D/o. श्री मोहनलाल वोहरा,
पड्डल मंडी, सदर मंडी,
मंडी-175001 (हि.प्र.)
उतना ही अंतर होता है
पुण्य और पाप में,
जितना अंतर है
सारिका में और आप में।
आप ही सारिका हैं
सारिका ही आप हैं,
आप ही पुण्य हैं
आप ही पाप हैं।
पाप और पुण्य की विशुद्ध चेतना
कहीं समोई नहीं है,
शत-प्रतिशत पापी
या शत-प्रतिशत पुण्यात्मा
कोई नहीं है।
जिसे आप पुण्य समझें वह पुण्य
जिसे पाप समझें वह पाप,
लेकिन सब कुछ होता है चुपचाप।
प्रश्न 7. अनाड़ी जी, जब भावनाओं पर काबू पाना कठिन हो और मरने का मन करे तब क्या करना चाहिए?
पपली देवी
द्वारा-श्री सतीश रवि
पुराना बाजार, हरिजन मौहल्ला
गोमो, थाना+पोस्ट गोमो-828401
जिला-धनबाद (झारखण्ड)
मोबाइल-08877073506
भावनाएं बेकाबू हो जाएं
तो न तो उनसे डरना,
न मरने की कोशिश करना!
बस सोच लेना कि हम मर गए,
सताने वाले फूंक-फांक के
अपने-अपने घर गए।
ऐसे में न तो बोलना
न करना किसी की निन्दा,
थोड़ी देर में हो जाओगी
स्वस्थ और ज़िन्दा।