नारी के सवाल अनाड़ी के जवाब / 128 / फरवरी / 2014
–अशोक चक्रधर
प्रश्न 1. अनाड़ी जी, अगर अगले आने वाले चुनाव में आपको कोई पार्टी टिकट ऑफर करे तो आप उन्हें क्या जवाब देंगे?
मानसी नेगी
639, एसबीएस अपार्टमेंट्स
पोकेट-3, सैक्टर-14
द्वारका, नई दिल्ली-110075
आपके प्रस्ताव हैं कड़वे कसैले,
किसी पार्टी की टिकिट पर
बन जाएंगे क्षेत्र-विशेष के
ऐम्पी ऐमैले।
अगर उस दल का
मुकद्दर खिल गया,
और उसे आवश्यकता से अधिक
बहुमत मिल गया,
तो हो सकता है
देश की ताक़तें जनतंत्री,
हमें बना दें प्रधानमंत्री।
लेकिन अनाड़ी के मन में
विचारों का घर्षण नहीं है,
उसके मन में पदों का
कोई आकर्षण नहीं है।
आरोपी नहीं बनना चाहता
किसी घोटाला कांड का,
अनाड़ी तो कवि है
इस पूरे ब्रह्मांड का।
प्रश्न 2. अनाड़ी जी, भारत सरकार ने सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न बनाया है, आपकी क्या राय है?
कृष्ण श्रीवास्तव
द्वारा-आर.एस.श्रीवास्तव, ए-702, कुसुम विला, सैक्टर ‘सी’, महानगर
लखनऊ-226006 (उ.प्र.)
सरकार का ये अच्छा प्रयत्न है,
सचिन सचमुच भारत का रत्न है।
उससे उम्मीद की जाएगी
कि स्वयं को नई पीढ़ी के
निर्माण की गतिविधि से जोड़ ले,
और विज्ञापनों की
काली कमाई से मुंहमोड़ ले।
विज्ञापनों में झूठ बोलना पड़ता है
उत्पाद के लिए,
ये उचित नहीं है
भारत रत्न उस्ताद के लिए।
प्रश्न 3. अनाड़ी जी, आप अनाड़ी नहीं होते तो क्या होते? पनवाड़ी या खिलाड़ी?
कलावती बिस्सा
एफ-250, मुरलीधर व्यास नगर
भैरव मंदिर के पास
बीकानेर-334004 (राज.)
पनवाड़ी होते न खिलाड़ी,
हम होते
एक बहुत बड़ी फुलवाड़ी।
जहां से पनवाड़ी ले जाते
पान के पत्ते,
खिलाड़ी खेलते
ताश के पत्ते।
हमारी छाती पर
पहलवान दण्ड पेलते,
और बच्चे छुपम-छुपाई खेलते,
हम सुगन्धों का लुत्फ उठाते,
और फूलों में मुस्कुराते।
प्रश्न 4. अनाड़ी जी, नवरातों में पूजते, मां के भिन्न स्वरूप, मां जैसी हैं बेटियां, यह क्यों जाते भूल? क्यों जाते हैं भूल, और क्यों इन्हें सताते, कभी घूरते, कभी लूटते, कभी जलाते?
अर्चना गुप्ता
शांति राजा-सदन 263 संकटा देवी
लखईमपुर-खीरी-262701 (उ.प्र.)
मानव के अन्दर छिपा, दानव वाला रूप,
ऊपर से उजला दिखे, अन्दर रहे कुरूप।
अन्दर रहे कुरूप, अलग हैं कथनी-करनी,
इसकी कुत्सा की पंखुड़ियां, बड़ी कतरनी।
कहे चक्रधर, नारी आज शेरनी बन जा,
दानव की छाती पर रखकर पंजा, तन जा।
प्रश्न 5. अनाड़ी जी, नारी, समाज की नाड़ी कही जाती है तो अनाड़ी को क्या कहेंगे?
डॉ. ममता जैन
ई-801, डैफोडिल्स
मगरपट्टा सिटी
पुणे-411018 (महा.)
अनाड़ी है नारियों का
हृदय से भक्त,
नारी अगर नाड़ी है
तो अनाड़ी है
उसे ऊर्जा देने वाला रक्त।
प्रश्न 6. माथे पर चिंता की लकीर, क्या भ्रष्टाचार के गम में पड़ी? होंठों पर मधुरता की हंसी, क्या लोकतंत्र की बेबसी से पड़ी? कुछ तो बोलो, यह राज खोलो, क्या बात है अनाड़ी जी?
सुधा श्रीवास्तव
एस-540, उद्यान-II, संस्कृति
एडिल्को कॉलोनी, रायबरेली रोड
लखनऊ (उ.प्र.)
आपका प्रश्न सुनकर
मन करता है कि अब
किसी दूसरी नारी के
प्रश्न की तरफ हो लूं,
जब आपको सब मालूम है
तो फिर मैं क्या बोलूं?
प्रश्न 7. अनाड़ी जी, सभी धर्मों ने हमेशा से नारी को छला है, फिर भी ज़्यादातर महिलाएं ही धार्मिक पाखंड के चक्रव्यूह में फंसती हैं, क्या महिलाएं ज़्यादा चतुर हैं या फिर ज़्यादा मूर्ख?
रेखा दीक्षित
ए/6 सुरभि बंग्लोज
टैक्स टोल नाका के पास
पोस्ट-छाणी, वडोदरा (गुजरात)
पिन-391740
कई बार नारियां आ जाती हैं
धार्मिक पाखंडियों के शिकंजे में,
फंस जाती हैं
उनके अदृश्य पंजों में।
बाद में भले ही
कोसा करती हैं,
लेकिन प्रारम्भ में
भरोसा करती हैं।
उनमें होती नहीं है चतुराई,
क्योंकि वे नहीं चाहतीं
प्रसाद के मक्खन-मलाई।
वे रखती हैं
संतान और परिवार की
भलाई के लिए सद्भावना,
ऐसी को भला मूर्ख क्यों मानना!
कामी-व्यभिचारी
झूठे पुरुष ही ख़तरनाक हैं,
वे ही मूर्ख हैं
वे ही चतुर चालाक हैं।
प्रश्न 8. अनाड़ी जी, जब लड़की पैदा होती है तो उसका पहला जन्म होता है, जब उसकी शादी होती है तो दूसरा जन्म होता है, क्योंकि वह दूसरे घर की बेटी बन जाती है और जब वह मां बनती है तो उसका तीसरा जन्म होता है। नारीके बारे में आप इस बात से कितने सहमत हैं?
ऋतु
मकान नं. 156, सैक्टर-27
गुड़गांव (हरियाणा)
नारी के बारे में
मेरी राय नहीं है आपसे डिफरेंट,
सहमत हूं सेंट परसेंट।
मैं मानता हूं कि
नारी ऊंचे से ऊंचे पद पर
शोभायमान विराजमान हो,
सर्वशक्तिमान हो,
एक जन्म में
तीन जन्म लेने वाली का
तीन गुना सम्मान हो।