नारी के सवाल अनाड़ी के जवाब / 127 / जनवरी / 2014
–अशोक चक्रधर
प्रश्न 1. अनाड़ी जी, मेरी सहेली चाहती है कि मैं उसके बेटे को, जिसे वह ‘जोरू का ग़ुलाम’ मानती है, कोई सलाह दूं, क्योंकि उसका बेटा बचपन से ‘मां का लाडला’ रहाहै। क्या सलाह दूं?
मंजू शर्मा
w/o. वी.के.शर्मा
326/बी, ओएमक्यू एरिया
एयरफोर्स स्टेशन, लोहोगांव
पूणे-411032
मोबाइल-09403285301
आपकी सहेली में
एक तरफ़ मां है
दूसरी तरफ़ सास,
वह लाए दोनों को ज़रा पास।
बच्चों के मामले में
न निकाले मीन-मेख,
फिर भी सलाह दी जा सकती है—
बेटा!
कुछ दिन
‘जोरू का लाडला’
और
‘मां का ग़ुलाम’
बनकर भी देख।
प्रश्न 2. अनाड़ी जी, शादी के लड्डू का स्वाद सबके लिए अलग-अलग क्यों होता है?
गुरदयाल सिंह
556-ए, प्रथम तल, गांधी नगर
जम्मू-180004
मोबाइल-0941201117
शादी के लड्डू के स्वाद लेकर
कुछ हंसते हैं कुछ रोते हैं,
क्योंकि लड्डू
अलग-अलग तरह के होते हैं।
कोई कम वेतन के
बेसन का
कोई ऊपर की कमाई की
मलाई का
कोई कम आमदनी की बूंदा-बांदी की
बूंदी का।
कोई गोंद के लड्डू सा
क्रूर होता है,
कोई मोतीचूर जैसा
मगरूर होता है।
इस मामले में नहीं
चलती कोई फरियाद,
जैसा लड्डू वैसा स्वाद।
प्रश्न 3. अनाड़ी जी, भगवान विष्णु चक्रधारी, कृष्ण ने उनका अवतार लेकर दुष्टों का नाश करने के लिए चक्र धारा, और अब आप चक्रधर हैं, तो आपका चक्र कहांहै?
वीना साधवानी
3, गान्धी नगर, सिन्धी कैम्प
अकोला–494004 (महा.)
भगवान विष्णु और कृष्ण का
सुदर्शन चक्र
भक्त, पुजारी अथवा पंडे में है।
अनाडी अशोक चक्रधर का
अशोक चक्र
भारत के झंडे में है।
प्रश्न 4. अनाड़ी जी, पत्नी पति का ख्याल रखे तो पतिव्रता कहलाए, पति यदि पत्नी का ख्याल रखे तो ‘जोरू का ग़ुलाम’ जैसा ताना खाए, ऐसा क्यों?
अविनाशी
द्वारा-श्री राजकुमार जैन
अपर निदेशक
314, आर.ए.सी. तिमारपुर
दिल्ली-110054
आश्चर्य घनघोर है
आज के प्रश्नों में
‘जोरू का गुलाम’
विषय पर ज़्यादा ही ज़ोर है,
चलिए फिर भी जवाब सुनती जाइए
आप ‘पतिव्रता’ बनी रहिए
पति को ‘पत्नीव्रता’ बनाइए।
प्रश्न 5. अनाड़ी जी, मैं अभी छोटी हूं, मगर मेरे मन में एक सवाल अक्सर उठता है, अमीर और ग़रीब का भेद-भाव हमारे देश में इतना अधिक क्यों है? कृपया मुझेबताइए।
नैन्सी विर्क
गुरू की वडाली
अमृतसर (पंजाब)
प्यारी बिटिया नैन्सी!
तुम्हारा प्रश्न गम्भीर है
न कि दूसरों जैसा फैंसी।
अभी है तुम्हारी छोटी अवस्था,
बड़ी होकर बदल देना व्यवस्था।
मेरी चेतना तो
यह सोच-सोचकर
थकती है,
कि हमारे देश में
ग़रीबी की रेखा नहीं मिट सकती
पर रेखा की ग़रीबी
मिट सकती है।
प्रश्न 6. अनाड़ी जी, आजकल के आशिक असफल होने पर बदला क्यों लेते हैं?
पवन कुमार साहीबा
कंवाली-123411
जिला-रिवाड़ी (हरियाणा)
फोन-01281-248315
जीवन को
उल्लास के साथ
खेल नहीं पाते हैं,
असफलता के झटके को
झेल नहीं पाते हैं।
मन हो जाता है
नकारात्मक, विषैला और गंदला,
इसीलिए असफल प्रेमी
लेते हैं बदला।
प्रश्न 7. अनाड़ी जी, पतियों की हालत धोबी के कुत्ते जैसी क्यों होती है?
सुरुचि प्रिया
द्वारा-श्री प्रेमनाथ साह
फ्लैट 4-ए, लक्ष्मण ब्लॉक
सीता कुंज अपार्टमेंट
प्रोफेसर कॉलोनी
करमटोली, रांची-834008 (झारखण्ड)
पत्नी अपने पति को
कुत्ते के सामने दुत्कारती है,
घाट पर कपड़ों के साथ
फटकारती है।
सुनार के कुत्ते के गले में
सोने की माला है,
कुम्हार ने अपने कुत्ते के लिए
कुल्हड़ में दूध डाला है।
लुहार के कुत्ते के पास
सिकी हुई बोटी है,
हलवाई के कुत्ते के पास
मलाईदार रोटी है।
जुलाहे के कुत्ते के पास
खेलने के लिए
ढेर है कपास का,
मोची के कुत्ते के पास
जूता है आदिदास का।
इन सबके पास जुगाड़ है
एशोआराम और ठाठ का,
एक निरीह पति है
जो न घर का न घाट का।