मेहनत ने पहना दिया महाशतक का ताज
(सचिन के महाशतक की राष्ट्रीय प्रतीक्षा समाप्त होने पर बधाई)
सैविण्टी थ्री में सुनो, एप्रिल ट्वैण्टी फोर,
जन्मा तेंदुलकर प्रवर, आज हर्ष हर ओर।
खिलाड़ी है बचपन से,
प्यार पाया जन-जन से।
सबसे छोटी आयु थी, साढ़े सोलह साल,
अपने पहले टैस्ट में, दिखला दिया कमाल।
खेल खेला लासानी,
हुई सबको हैरानी।
आता है जब क्रीज़ पर, भर जाता उत्साह,
चौके छक्के देखकर, दर्शक कहते वाह।
वाह रे सचिन हमारे,
क्रिकेट के राजदुलारे।
मुडक़र देखा ही नहीं, खेला धूंआधार,
जनता ने भी प्रेम को, रक्खा नहीं उधार।
क्रिकेट के हो उद्धारक,
शत्रुओं के संहारक।
सचिन हमारे देश का, प्लेयर है कम्प्लीट,
बल्ला हो या बॉल हो, करता ढंग से ट्रीट।
नेत्र उसके दुरुस्त हैं,
फ़ील्ड में सदा चुस्त हैं।
असफलताएं हर जगह, करती हैं नुकसान,
रखना इतना ध्यान बस, बढ़े ख़ूब सम्मान।
क्रिकेट गर्वित तुमसे हो,
रत्न तुम भारत के हो।
गावस्कर, राहुल, कपिल, खेली ग्रेट क्रिकेट,
लेकिन बढ़ती उम्र ने, ज्यों ही लिया लपेट।
सुविद्या जो भी पाई,
दूसरों को सिखलाई।
तेंदुलकर का नाम है, सबसे ऊंचा आज,
मेहनत ने पहना दिया, महाशतक का ताज।
युवाओ आगे आओ,
स्वयं को सचिन बनाओ।