लोकतंत्र में हम से दम
(सब ऊपर की बात करते हैं, समर्थकों का दर्द कोई नहीं देखता)
अरे क्यों मौन है,
द्वार पर कौन है?
हम हैं जी हम हैं!
कोई और नहीं हम हैं!!
दोस्त हैं
सखा हैं
रिश्तेदार हैं
हमदम हैं!!!
लोकतंत्र में
हम से ही दम है!
उसके दम से ही हम हैं!!
अनशन
समर्थन
प्रदर्शन को आए हैं।
बाबा का अन्ना का
न्यौता भी लाए हैं।
अतिथि देवो भव!
लेकिन आप जाएंगे कब?
नहीं झुकेंगे
नहीं झुकेंगे
नहीं झुकेंगे,
जब तक सत्याग्रह चलेगा
आपके घर में ही रुकेंगे।
बेज़ुबान मेजबान उदास,
घर में राशन ख़लास।
भ्रष्टाचार का
ऐसा नाटक रचा गए,
उनके करोड़ों के खेल के लिए
घर की कौड़ी-कौड़ी पचा गए।
पति-पत्नी में
अनबन करा गए,
बिना बात दस दिन का
अनशन करा गए।