इतना दुख तो बहुतों को है
(अपने दुख दूर हो सकते हैं यदि दूसरों के दुखों से तुलना कर लें)
अपने भारी दुख का तूने
काफ़ी किया ढिंढोरा है,
ये दुख की चट्टान नहीं है
एक रुई का बोरा है।
इतना दुख तो बहुतों को है
ज़्यादा क्यों महसूसा है?
दुख की चट्टानों के आगे
तेरा दुख तो भूसा है।
अगर हौसले से उठाएगा
इसको हल्का पाएगा,
अगर डर गया तो पगले
सिम्पैथी से दब जाएगा।
उसके दुख से तुलना कर ले
जिसके पास न रोटी है,
जिसके सिर पर तना न छप्पर
तन पर नहीं लंगोटी है।
भूख जहां तांडव करती है
मौत ख़ून की प्यासी है,
जहां उदासी ख़ुद कहती है–
ये भी भारतवासी है!
तेरे दुख का कारण प्यारे
दूजों का सुख ज़्यादा है,
हर पल हर छिन सिर्फ़ दुखी ही
रहने पर आमादा है।
अपना दुख यदि कम करना है
दूजों के दुख हर ले तू,
बहुत सुकून मिलेगा तुझको
उनसे झोली भर ले तू।
राहत पाकर सोचेगा फिर
क्योंकर किया ढिंढोरा था,
तेरा दुख तिनके से हल्का
कहां रुई का बोरा था!