हिंदी सलाहकार समिति में बैठे-बैठे
(बैठक में अधिकारी ने गर्व से बताया कि इक्यासी प्रतिशत पत्राचार हिंदी में हुआ)
इक्यासी चिट्ठियां तो
प्यार से दिलदार को भेजीं,
पता करना है वे उन्नीस ख़त
किस किस को जाते हैं।
क ख ग क्षेत्र का सब काम
क्ष त्र ज्ञ तकल पहुंचे,
मगर कुछ बीच के व्यंजन
न जाने कौन खाते हैं?
अहिन्दी क्षेत्र में जो प्यार है
उसको न पहचाने,
उन्हीं का वास्ता देकर
ग़लत रस्ता बनाते हैं।
हमारे देश में आदेश है
कानून हैं, बिल हैं,
बस इच्छा की कमी है
क्योंकि हम ज़्यादा कमाते हैं।
द्विभाषी हूं, ख़रीदा भी गया हूं,
दक्ष हूं लेकिन
ये मन रोता है
वे केवल बटन रोमन दबाते हैं।
कमी तो कुछ नहीं है,
है कमी तो सिर्फ़ इतनी है
नहीं गम्भीर हैं वे
जो कि अधिकारी कहाते हैं।
दिशा अनुवाद की मोड़ें,
करें हिंदी से अंग्रेज़ी
मगर कैसे करें
अंग्रेज़ियत से गहरे नाते हैं।
वे हैं निन्यानवै के फेर में
जो पांच प्रतिशत हैं,
बचे पिच्चानवै परसैण्ट तो बस
बिलबिलाते हैं।