हंसी भी चीज़ करामाती है
(आती है तो आती है नहीं आती है तो नहीं आती है)
ये हंसी भी
चीज़ करामाती है,
आती है तो आती है
नहीं आती है
तो नहीं आती है।
आप कोशिश करते रहिए
हंसाने की….
नहीं आएगी,
और आएगी तो
बिना बात की बात पर आ जाएगी।
एक साहब
जो हर किसी को हंसाने का
दम भर रहे थे,
एक बार एक गेंडे को
गुलगुली कर रहे थे।
बहुत प्रयास किया,
लेकिन गेंडा
मुस्कुरा के भी नहीं दिया।
हाथ-भर गुलगुली पर
एक इंच भी नहीं हंसा,
सामने वाले ने ताना कसा—
बड़ा दम भरते थे
बड़ी ताल ठोकते थे
बड़ा अहंकार दिखाया,
पर गेंडा तो ज़रा भी नहीं मुस्कुराया!
तो साब,
उन्होंने जैसे-तैसे झेंप मिटाई—
खाल मोटी है न भाई !
और हैरत की बात ये
कि इस बात पर गेंडा मुस्कुरा दिया,
हमने कहा— मियां !
ये हंसी भी चीज़ करामाती है,
आती है तो आती है
नहीं आती है तो नहीं आती है।