ढूंढना पड़ेगा कहां आदरास्पद हैं
(हंडिया तुम्हारी कहीं पे भी फूट सकती है)
दोस्ती का क्या है,
आज है तो कल भी रहेगी,
दोस्ती तो एक पल में भी
टूट सकती है।
लूटने चले हो, ज़रा
लौटने पे ध्यान रहे,
कोई और ताकत
तुम्हें भी लूट सकती है।
पाप का घड़ा छिपा के
आना ज़रा चौकसी से,
हंडिया तुम्हारी कहीं पे भी
फूट सकती है।
जेब में पिस्तौल ज्यों लगाई,
देख डरता हूं,
गलती से गोली जेब में भी
छूट सकती है।
डालियों की डाल कहां,
तालियों की ताल कहां,
मालियों का माल कहां,
संदेहास्पद हैं।
वायदों में वाद कहां,
ज़िंदगी में स्वाद कहां,
हर्ष में विषाद कहां,
विवादास्पद हैं।
दोस्ती में वैर कहां,
छूने योग्य पैर कहां,
ढूंढना पड़ेगा,
कहां आदरास्पद हैं।
चित्र में चरित्र भाई,
भाइयों में मित्रताई,
ढंक दो सभी को,
सभी चादरास्पद हैं।