चल छोड़ यार कपड़े झाड़
(जब अहंकार खड़ा होता है, कुछ लोगों का दिल कितना बड़ा होता है)
—वो जो तुम्हारे पास दिल है,
हमने ताड़ लिया
कि आकार में तिल है।
—हे मैन!
तुम दिल का तुक
तिल से मिलाता है!
—सॉरी सर!
आकार में तिल भी न पाकर
तिलमिलाता है।
—यानी कि हमारा दिल
तिल से भी छोटा है?
—यस सर!
—आदमी तू बड़ा खोटा है,
ऐं, हमारा दिल तिल से छोटा है?
—नो सर!
—व्हाट यस सर व्हाट नो सर!
गिव मी द करैक्ट आन्सर।
क्या बोला था
साइज हमारे दिल का
तिल से भी छोटा है?
—सॉरी सर
कातिल के पास
तिल भी कहां होता है?
इसके बाद पदाघात,
घूंसा लात!
ताड़ने वाले की उपमा
यानी तिल का बन गया ताड़!
चल छोड़ यार
कपड़े झाड़!!