श्रीमानजी की बेटी का बीएफ
यानी बॉय फ्रेंड
और बेटे की जीएफ
यानी गर्ल फ्रेंड आई,
दोनों ने अपनी-अपनी कार
पड़ोसी के घर के आगे लगाई।
पड़ोसी ने घर के आगे लिखा था
जो जीएफ-बीएफ को नहीं दिखा था—
यहां पर जो गाड़ी लगाएगा,
उसमें डेंट मारा जाएगा।
पार्किंग को लेकर टीएफ
यानी टेंशन फुल था,
फिलहाल मामला पीसफुल था।
ठंडा था।
बच्चों को लेकर श्रीमानजी का सीएफ
यानी क्लीयर फंडा था—
जल्दी ही डीएफ
यानी डबल फेरे कराएंगे,
ज़िम्मेदारियों से निजात पाएंगे।
उधर पड़ोसी ने कर डाली वारदात,
बीएफ और जीएफ की गाड़ियों पर मारीं
बाईं और दाईं लात।
ईएफ यानी इफैक्टिव फाइटिंग की
हो गई तनातनी,
वीएफ यानी वैरी फनी।
श्रीमानजी ने भी पड़ोसी के बच्चों से
अपनी दोनों टांगें तुड़वा लीं,
और इस तरह अपने अभिमान की
मूंछें मुंड़वा लीं।
अब अस्पताल में
अपने पीएफ का हिसाब लगाते हुए
मन में शादियों के शामियाने तानते हैं,
पीएफ क्या होता है
बाई द वे सब जानते हैं।