दर्द ये आपने ही दिया है आलीजाह!
(हमारे आलीजाह दर्द के मामलों में अनिश्चित क्यों हैं?)
अनिश्चित है
आपके वास्ते तो
दर्द जो
झोंपड़ी में
संचित है।
आंकड़ों से ही
ठीक कर देंगे
अनुचित है
आपका
ये सोचना।
आलीजाह!
दर्द ये
आपने ही
दिया है
आलीजाह!!
हम परेशान हैं
कि स्वरचित है।
आप हैं सचनुमा
नुमाइश में
परिचित है दर्द
इस झूठ से भी ।
तमाम
अवाम के बीच
चर्चित है
है चर्चित
आपके ही
ख़िलाफ।
दर्द फूटेगा
ज़रूर फूटेगा!
फूट के साथ
फूट भी पड़ा है
आप भूले हैं
कि सुरक्षित है
भविष्य आपका।
आलीजाह!!!